Kirana Store Business Plan in Hindi: हमारे जीवन में रोजमर्रा के काम में किराना सामान की जरूरत हमेशा पड़ती हैं। सुबह से शाम तक हम जो भी खाते हैं, खाने के लिए आटा खरीदे या मसाला, यह सब किराना की दुकान पर ही मिलता हैं। किराना दुकान की मांग हमेशा से ही रही हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ पर इस प्रकार के दुकानों की काफी कमी हैं। ऐसे में अगर आप भी सोच रहे हैं कि आप भी किराना दुकान कैसे खोलें (Kirana Dukan Kaise Khole) और उससे पैसा कैसे कमाए तो यह आपके लिए बेहद ही आसान होने वाला हैं।
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Table of Contents Toggleकिराना स्टोर की परिभाषा देना शायद जरूरी नहीं। क्योंकि यह एक ऐसी दुकान है, जिसके बारे में हर कोई जानता है और हर एक गली मोहल्ले में किराना स्टोर दिख जाता है। यह एक ऐसी दुकान है, जो छोटी और बड़ी आकार में भी हो सकती है। जहां से हम फुटकर में खाद्द सामग्री को खरीद कर ला सकते हैं।
उदाहरण के लिए दूध, दही, बिस्किट, आइसक्रीम, दाल, चावल इत्यादि चीजें खरीदनी होती है तो तुरंत गली के बाहर स्थित दुकान में जाते हैं और यह सब चीजे खरीद कर ले आते हैं। इस तरह दाल, चावल, बिस्किट, चीनी, चायपत्ती, आटा, तेल इत्यादि घर में प्रयोग होने वाली जितनी भी प्रकार की खाद्य सामग्री है, उन्हें बेचने वाले दुकान को किराने का स्टोर कहते हैं।
किराना दुकान (Kirana Dukaan) चलाना वैसे तो थोड़ा मुश्किल होता हैं परन्तु यह इतना भी मुश्किल नहीं जितना हम सोच रहे हैं। क्योंकि इसमें आपको हमेशा ग्राहकों से डील करनी पड़ती हैं। ऐसे में आगर आप एक अच्छी स्टोर और बड़े लेवल पर इस बिजनेस की शुरुआत करने की सोच रहे हैं। किराना स्टोर (Kirane ki Dukaan) में आपको शुरुआत में अच्छा खासा निवेश करना होता हैं, इसके बाद आपको इसमें return मिला शुरू होता हैं। किराना स्टोर के लिए एक अच्छी लोकेशन का चुनाव करना बेहद ही जरुरी हैं। क्योंकि यह वो रामबाण हैं, जो आपको इस बिजनेस में ग्रोथ दिखाता हैं।
किराना स्टोर शुरू करने से पहले आपको इस बात की जानकारी होनी जरुरी है कि आप किस स्तर का व्यवसाय शुरु करना चाहते हैं। किराना के सामान का बिजनेस वैसे तो 2 प्रकार का होता हैं, जिसमें रिटेल और होलसेल दोनों मुख्य है। परन्तु इसके अलावा एक और मुख्य प्रकार और जुड़ता जा रहा हैं, जिसमें लोग ऑनलाइन की और बढ़ते जा रहे हैं। अगर आप केवल शुरुआत ही कर रहे हैं तो आपको सलाह हैं कि आप पहले छोटे स्तर पर ही इस काम की शुरुआत करें उसके बाद होलेसेल पर जा सकते हैं। उसके बाद आप चाहे तो इसे ऑनलाइन बेच सकते हैं। ऑनलाइन प्रोसेस में आप या तो खुद का प्लेटफार्म तैयार कर सकते हैं या किसी और के प्लेटफार्म के साथ जुड़ सकते है। यह भी पढ़े: चीनी होलसेल बिज़नेस कैसे करें?
बिजनेस के लिए लोकेशन: बिजनेस की शुरुआत में आपको बिजनेस के लोकेशन के बारे में जानना बेहद जरुरी होता हैं। अगर आप किसी ऐसे स्थान पर यह दुकान खोलते हैं, जहां पर इसकी मांग ज्यादा और पूर्ति कम हो यानी किराना सामान की मांग ज्यादा हो और वहां किराना की दुकाने कम हो।
बिजनेस का स्तर: दूसरी सबसे जरुरी बात, अगर आप अपने बिजनेस की शुरुआत छोटे स्तर पर करना चाहते हैं तो उसके लिए आप ग्रामीण इलाकों को चुन सकते हैं। वहीं अगर आप अपने बिजनेस का स्तर बड़ा और उच्च रखना चाहते है तो उसके लिए आप अपने बिजनेस की लोकेशन ग्रामीण और खासकर शहरों में चुन सकते हैं।
मांग और पूर्ति: लोकेशन का चुनाव करने के साथ आपको इस बात का भी ख्याल करना होता हैं कि जहां आप अपने बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं, वहां पर पहले से कितनी दुकाने हैं और वहां पर सामान खरीदने वालों की संख्या कितनी हैं। उसके बाद ही आप अपने पसंद की लोकेशन का चुनाव कर सकते हैं।
अगर आप किसी ऐसी लोकेशन का चुनाव करते हैं, जहां पर मांग कम हो और पहले से ज्यादा पूर्ति करने वाले है तो ऐसे में आपको जोखिम का सामना करना पड़ सकता हैं।
किराना के सामन को रखने के लिए किराना की दुकान का फर्नीचर करवाना बहुत जरूरी है। यह दुकान के अनुसार बनाया जा सकता हैं। ऐसे में आप उस फर्नीचर को अपनी दुकान के अनुसार बनवा सकते है, जो कि करीब 50,000 से अधिक हो सकता हैं। इसमें दीवारों के फर्नीचर के साथ टेबल इत्यादि शामिल होता हैं।
जब आप अपने किराने की दुकान के इंटीरियर डिजाइन के लिए फर्नीचर करवाते हैं तब सामान को रखने के लिए अलमीरा बनाते हैं।
उसे बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आलमिरा को इस तरीके से बनाना है कि वहां पर आप सभी सामानों को आसानी से सेट कर सके और सामानों को इस तरीके से रख सकें, जिस पर कस्टमर की नजर सीधे पड़ जाए।
क्योंकि कई बार कस्टमर को पता नहीं होता है कि उन्हें किस ब्रांड का प्रोडक्ट चाहिए। उनकी नजर के सामने जो दिखता है वही मांग लेते हैं। इसीलिए सभी सामानों को इस तरीके से रखा जाए कि सभी की नजर उस पर पड़े, इसलिए फर्नीचर भी उसी तरीके से करवाएं।
किराने की दुकान (Kirana Shop Business) के लिए सामान कहाँ से ख़रीदे यह सबसे जरुरी है। इन सब के आलावा आपको उन सभी सामान को खरीदने की भी जरूरत होती हैं, जो किराना की दुकान में उपलब्ध होनी चाहिए। यह सभी सामान आप सीधे सप्लायर से संपर्क करके मंगवा सकते हैं।
आप ऐसे ही सप्लायर से संपर्क करें, जो आपको किराने की दुकान के लिए सभी सामानों को उपलब्ध करा सके। इसके अतिरिक्त आप सभी आवश्यक सामानों को होलसेलर से खरीद सकते हैं।
आप ऐसे होलसेलर से इन सामानों को खरीद सकते हैं, जो आपके दुकान से नजदीक स्थित हो ताकि आपके ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी बच जाए और समय की भी बचत हो।
यदि आप की दुकान ऐसे स्थान पर है, जहां से नजदीकी दूरी पर किसी सामान की कंपनी है तो आप उस कंपनी से सीधे उस सामान को खरीद सकते हैं, जिसमें आपको ज्यादा फायदा होता है।
इन सब के अलावा और भी कुछ चीज़ों की जरूरत होती हैं जैसे सामान तोलने की डिजिटल मशीन इत्यादि। यह मशीन आप इलेक्ट्रॉनिक की दूकान से खरीद सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप ऑनलाइन भी आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक सामानों को मंगवा सकते हैं।
किराने की दुकान में सभी तरह के खाने पीने की चीजें रखी जाती है। आपके ग्राहक अगर कुछ नई चीजों का डिमांड करते हैं तो उन सभी चीजों को आप अपने किराने की दुकान में रख सकते हैं। वैसे आमतौर पर हर किराने के दुकान में निम्नलिखित चीजों को रखा जाता है।
आटा, चावल, तेल, दाल, शक्कर, मसाला, ड्राई फ्रूट्स, चॉकलेट, कुकीज, चिप्स, पापड़। दूध, पानी, कोल्ड ड्रिंक, ज्यूस जैसे बेवरेजेस। सेविंग, शैंपू, साबुन, ब्रशस, क्रीम, फेस वॉश जैसे पर्सनल केयर प्रोडक्ट।
डिटर्जेंट, रूम फ्रेशनर, क्लीनर जैसे हाउसहोल्ड की चीजें भी किराने की दुकान में रखी जाती है। इसके अलावा आप कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल जैसे बेसिक स्टेशनरी के सामान भी रख सकते हैं।
किराणा दुकान (Kirana Dukan) के लिए अलग से मशीनरी और कोई विशेष मशीनरी खरीदने की आश्यकता नहीं होती हैं। इसके लिए केवल आपको एक सामान तोलने का तराजू खरीदना होता हैं, जो आप अपने हिसाब से छोटा और बड़ा खरीद सकते हैं।
हालाँकि यह इतना भी आवश्यक नहीं हैं परन्तु आप अपनी आवश्यकतानुसार खरीद सकते हैं। यह मशीनरी आप अपने दुकान के स्तर के हिसाब से खरीदते हैं तो उसका खर्च करीब 2000 से 5000 तक हो सकता हैं।
किराना दुकान (Kirana Business) लगाने के लिए आपको जरूरत होती हैं सबसे पहले एक दुकान की, जो किसी ऐसे जगह हो, जहाँ पर लोगों का आना जाना रहे और उस क्षेत्र में इसकी मांग सबसे ज्यादा हो। ऐसी जगह का चुनाव करें और अपने बिजनेस का श्रीगणेश करें।
किसी भी बिजनेस के लिए एक अच्छी लोकेशन का होना जरुरी हैं। ऐसे में आप किस प्रकार की लोकेशन का चुनाव कर सकते हैं, यह आप पर निर्भर करता हैं। वैसे भी किराने की दुकान का व्यापार ऐसा व्यापार है, जिसे एक बार कहीं पर स्थापित कर दो तो लंबे समय तक वहीं पर चलता है।
ऐसे में आपको अपने स्टोर को स्थापित करने के लिए एक विशेष स्थान का चयन करना बेहद जरूरी है, जहां पर लोगों की जनसंख्या भी बहुत हो और सामानों की मांग भी हो।
किराने के दुकान के लिए जब आप लोकेशन का चुनाव करें तो इस बात का जरूर ध्यान दें कि वहां पर ट्रांसपोर्टेशन की अच्छी सुविधा होनी चाहिए। उस जगह पहले से किराना की दुकान कम हो वैसी लोकेशन आपके लिए बेहतर साबित हो सकती हैं।
किराना की दुकान के लिए वैसे तो किसी भी प्रकार के किराना स्टोर का लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती हैं। लेकिन आपको इन दो लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी।
किराने की दुकान में खाने-पीने की तरह-तरह की चीज रखी जाती है। ऐसे में इन चीजों से संबंधित बिजनेस के लिए FSSAI के नियमों को पूरा करके इसका लाइसेंस नंबर प्राप्त करना पड़ता है।
“सुरक्षित आहार स्वस्थ्य का आधार” नाम के इस वेबसाइट से आप ऑनलाइन FSSAI का लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
इसके अलावा आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ेगा। सालाना 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर होने पर जीएसटी नंबर प्राप्त करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। आप ऑनलाइन जीएसटी नंबर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किराणा की दुकान पर आपको कितने स्टाफ की आवश्यकता होती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता हैं कि आपका बिजनेस किस स्तर का हैं।
परन्तु आप फिर भी अपने बिजनेस की शुरुआत में कम से कम 1 स्टाफ तो जरुर रखे ताकि वो आपको छोटे-मोटे काम में हाथ बटा सके।
शुरुआत समय में पेकिंग की कोई जरूरत नहीं रहती हैं। बढ़ते समय के साथ आप अपने बिजनेस को मॉडर्न बना सकते हैं। पेकिंग का काम शुरू कर सकते हैं।
किराने की दुकान (Kirane ki Dukan) को खोलने के लिए कितना पैसा लगेगा, इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है। यह आपके बजट पर भी निर्भर करता है। यदि आपका बजट कम है तो आप एक छोटे स्तर का किराने का दुकान खोल सकते हैं।
वंही बड़े स्तर पर भी किराने की दुकान को खोला जा सकता है। कितने क्षेत्रफल में आप अपने दुकान को खोलेंगे, उस हिसाब से आपको जमीन लेनी पड़ेगी या फिर दुकान किराए पर लेना पड़ेगा। इसकी भी अलग से लागत लगेगी।
इसके बाद आपको दुकान के फर्नीचर कराने में भी कुछ इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। हालांकि यह आप पर निर्भर करता है। यह कम ज्यादा भी हो सकता है। आप जितना अच्छा इंटीरियर डिजाइन करवाएंगे, खर्चा आपका उतना ही ज्यादा लगेगा।
उसके बाद यदि आप किसी स्टाफ को नियुक्त करते हैं तो उसकी भी सैलरी का खर्चा लगेगा। इसके अतिरिक्त यदि आप अपनी किराने की दुकान का ज्यादा विस्तार करते हैं तो आपको ज्यादा सामान रखने की जरूरत पड़ेगी और उस अनुसार आपको थोड़ी और बहुत लागत लगानी पड़ेगी।
इस तरह कुल मिलाकर देखें तो आप छोटे स्तर पर किराने की दुकान को एक से डेढ़ लाख रुपए के निवेश में भी खोल सकते हैं, वहीं ज्यादा से ज्यादा बड़े स्तर पर आप 6 से 7 लाख के खर्चे में भी खोल सकते हैं।
किराना की दुकान अगर आप शुरू करते हैं तो इसमें आपको काफी लाभ हो सकता हैं। जैसे ही आप इसे शुरू करते हैं तो हो सकता हैं कि शुरुआत में आपको इसमें लाभ नहीं होगा।
परन्तु हो सकता हैं कि शुरुआत के बाद आपको इसमें हर माह 10-25 प्रतिशत तक का लाभ होना शुरू हो जायेगा।
कम समय में अधिक ग्राहक प्राप्त करने के लिए किराने की दुकान का प्रचार करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि आज के समय में हर एरिया में कई सारे किराने की दुकान है।
ऐसे में जब आप किराने की दुकान को खोलते हैं तो तुरंत आपके दुकान में ग्राहक नहीं आते और उन्हें आपके दुकान के बारे में पता भी नहीं होता है।
इसीलिए प्रचार करवाकर आप अपने दुकान की जानकारी लोगों में फैला सकते हैं। आप अपने किराने की दुकान का एडवरटाइजमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं।
आप अपने किराने की दुकान के बाहर एक अच्छा और आकर्षक बोर्ड जरूर लगवाएं, जिसमें आपके दुकान में बेचे जाने वाली विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का नाम भी दें।
इसके अतिरिक्त आप न्यूज़पेपर और टीवी में विज्ञापन भी दिलवा सकते हैं। आप पेंप्लेट छपवा कर बटवा सकते हैं। हालांकि न्यूज़ पेपर और टीवी में विज्ञापन दिलवाने के लिए आपको ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।
इन सबके अतिरिक्त आप ऑनलाइन तरीके का भी इस्तेमाल जरूर करें। क्योंकि आज के समय में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म किसी भी व्यवसाय की मार्केटिंग के लिए बहुत अच्छा जरिया है।
आप ऑनलाइन अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने किराने की दुकान की जानकारी लोगों में शेयर कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप गूगल मैप पर अपने किराने की दुकान का एड्रेस जरूर डालें ताकि लोग आपके दुकान का नाम भी सर्च करके आपके दुकान तक आसानी से पहुंच सके।
किराना की दुकान देखते हैं तो लोगों को अपने घर की याद आ जाती हैं कि वहां पर यह सामान ले जाना हैं। ऐसे में अगर आप किराना दुकान की शुरुआत करते हैं तो आपको इसमें किसी भी प्रकार की मार्केटिंग करने की जरुरत नहीं हैं। किराना की दुकान देखते ही लोग आपके पास खुद ब खुद आयेगे।
फिर भी यदि आप ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पाना चाहते हैं और लंबे समय तक उनके साथ बने रहना चाहते हैं तो निम्नलिखित तरीके से ग्राहकों को बढ़ा सकते हैं।
जब आपका किराने का दुकान धीरे-धीरे जमने लगे, ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगे तो आमदनी होने वाले पैसे का इस्तेमाल अपने दुकान को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने में कर सकते हैं। इसमें आप और भी नहीं सुविधाएं शुरू कर सकते हैं।
दूकान का विस्तार बढ़ाते हैं तो आपको ज्यादा स्टाफ की भी जरूरत पड़ती है। जब आपकी आमदनी ज्यादा होने लगती है तब आप अपने किराने के दुकान को मिनी सुपरमार्केट में बदल सकते हैं। इसमें ज्यादा कमाई होती है।
मिनी सुपरमार्केट में ग्राहक खुद ही समान को रैक पर से उठाते हैं और ट्रोली या बास्केट में डालते हैं और फिर उन सामानों का बिल आपसे बनवा लेते हैं। मिनी सुपरमार्केट में यह भी फायदा होता है कि आपका कोई भी ग्राहक छूटता नहीं है और उन्हें लाइन में खड़े भी नहीं रहना पड़ता।
यदि किराने की दुकान से आपकी आमदनी अच्छी खासी हो रही है तो आप ऑनलाइन किराना स्टोर की सुविधा भी दे सकते हैं। इस ऑनलाइन समय में ऑनलाइन डिलीवरी में बहुत ज्यादा फायदा होता है।
इसके लिए डिलीवरी बाॅय नियुक्त कर सकते हैं और खुद की वेबसाइट बनाकर ग्राहकों को सामान का ऑर्डर लेकर उन्हें डिलीवरी दे सकते हैं।
आज के समय में हर कोई घर बैठे चीजों को मंगवाना पसंद करते है। ऐसे में ऑनलाइन किराना स्टोर में बहुत ज्यादा मुनाफा हो सकता है।
अपने किराने की दुकान को सही से मैनेज करने के लिए आप इन्वेंटरी और बिलिंग प्रोसेस में मदद करने वाले एप्लीकेशन की सहायता ले सकते हैं।
इंटरनेट पर ऐसे कई सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध है, जहां पर आपको अपने दुकान की इन्वेंटरी मैनेज करने और बिलिंग प्रोसेस करने में मदद करता है।
बहुत बार स्टाफ से इन्वेंटरी करने में गलती हो जाती है वह सही से मैनेज नहीं कर पाते हैं। लेकिन ऐसे प्लेटफार्म पर आपका काम बहुत ही आसान और सही ढंग से हो जाता है। यहां तक कि यहां पर अगर आप रजिस्ट्रेशन करते हैं तो आपको मैनपावर की भी जरूर कम होगी।
अगर आप किराना की दुकान करते हैं तो आपको इसमें जोखिम होने की संभावना कम हैं। अगर आप अपने दुकान को किसी भीड़-भाड़ वाले इलाके पर शुरू करते हैं तो। अगर आप इस बिजनेस को ऐसी जगह पर करते हैं, जहां पर लोगों का आना जाना कम हो तो ऐसे में आपको नुकसान हो सकता हैं।
इसके अतिरिक्त यदि आप अपने दुकान में डिमांड से ज्यादा सामानों को स्टॉक में लाकर रख देते हैं और वो सामान बिकता नहीं तो लंबे समय तक रहने के बाद वे सामान खराब भी हो सकता है, जिससे आपको नुकसान हो सकता है।
यदि आप चाहते हैं किराने की दुकान से आपका कोई नुकसान ना हो तो जितनी आवश्यकता है, उतने ही सामानों का स्टॉक रखें। शुरुआत में दुकान से सामानों की बिक्री कम होती है।
क्योंकि पहले ही मार्केट में अन्य कई सारी किराने की दुकान होती है तो ग्राहकों को आपकी दुकान की ओर आकर्षित होने में थोड़ा समय जरूर लगेगा।
इसलिए शुरुआत में कम सामान का स्टॉक रखें। धीरे-धीरे जब ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगे तब उस अनुसार स्टॉक को बढ़ा सकते हैं।
किराने की दुकान में बहुत बार होता है कि कुछ चीजें जिसका स्टॉक हम बहुत ज्यादा लाकर रख देते हैं और वह चीज ज्यादा लंबे समय तक रह जाती है, जिसके कारण उसकी एक्सपायरी डेट भी लगभग खत्म हो जाती है।
बहुत बार हमें इस बात का अंदाजा नहीं रहता है। इसलिए समय-समय पर अपने सामानों की एक्सपायरी डेट को भी देखते रहे। ताकि बाद में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।
बहुत बार होता है कि कुछ किराने वाले दूध- पनीर जैसी चीजें भी रखते हैं, जिसके लिए किराने की दुकानो में फ्रिज का रहना बहुत ही जरूरी है।
बहुत बार ऐसा भी होता है कि ग्राहक दूध का पैकेट लेकर जाते हैं और दूध उबाल ते ही फट जाता है, जिसका कारण दूध के बहुत दिनों तक फ्रिज में रहना हो सकता है।
इसीलिए यदि किसी भी ग्राहक के साथ ऐसी समस्या हो तो उसे दोबारा फ्री में दूध जरूर दें ताकि ग्राहको के साथ आपसी संबंध बना रहे।
किराना की दुकान भीड़-भाड़ वाले स्थान पर ही शुरु करें।
किराना की दुकान में कितना खर्च आता हैं?किराना की दुकान की शुरुआत में 10000 के आसपास का खर्चा आ सकता हैं।
किराना की दुकान की मार्केटिंग कैसे करें?किराना की दुकान के लिए शुरुआत में थोड़ी मार्केटिंग करनी होती हैं।
क्या किराना की दुकान के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक हैं?जी नहीं, छोटे स्तर पर यह अनिवार्य नहीं हैं।
किराना के लिए आवश्यक मशीनरी क्या है?इसके लिए सामान तोलने के लिए टोला और बाट यह सभी अनिवार्य है।
किराने की दुकान को खोलने की कितनी लागत आती है?किराने की दुकान खोलने की लागत कई चीजों पर निर्भर करती है। किराने की दुकान खोलने में सामान को खरीदने का खर्चा, दुकान के किराए का खर्चा, स्टाफ के सैलरी का खर्चा, बिजली पानी इत्यादि का खर्चा लगता है। इस तरह एक छोटे स्तर पर किराने का दुकान खोलने के लिए लगभग 50000 से ₹100000 तक की लागत लग जाती है।
किराने की दुकान में कौन-कौन से सामान रख सकते हैं?किराने की दुकान में खाने-पीने से लेकर थोड़ी बहुत स्टेशनरी की सामान भी रख सकते हैं। जैसे की दाल, चावल, आटा, तेल, मसाला बिस्किट, बेसन, मैदा, पापड, क्रीम, चॉकलेट, कैंडी चिप्स, कुकीज़, कोल्ड्रिंक्स, शैंपू, ड्राई फ्रूट्स, नारियल, नमकीन, नमक, मसाले चाय, चीनी, दूध, दही, पनीर इत्यादि। यदि आप अपनू किराने की दुकान को थोड़ा और भी विस्तार करना चाहते हैं तो आप थोड़ी बहुत फल फूल भी रख सकते हैं।
यहां पर किराना स्टोर खोलने की जानकारी बताने के साथ ही किराना व्यवसाय का परिचय, किराना व्यापार लागत एवं लाभ विश्लेषण, किराना दुकान खोलने के लिए कितना पैसा लगेगा, किराने की दुकान कैसे शुरू करें आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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